वेरहमी हो गए हमारे बढे भाई।।

इनेप्लिज २०७२ असोज ११ गते ३:५४ मा प्रकाशित

 

 

in office (2)रक्षा करो हे शीरीडीके साई।

वेरहमी हो गए हमारे बढे भाई।।

चुल्हा वंद करवाके घर जलाते है।

हमारे जिनेकी नियम वह वताते है।।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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